कभी मुलायम के सामने लगा था अब अखिलेश के सामने स्वामी ने लगाया वही नारा, अब झेलेंगे मुकदमा

लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर रायबरेली में काशीराम की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में दशकों पुराना नारा दोहराकर एक बार फिर से धार्मिक विवाद खड़ा कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि रामचरित मानस के मुद्दे पर बैकफुट पर आ चुकी सपा के वरिष्ठ नेता का ताजा बयान पाटी के लिए कितना नुकसानदायक होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हुए रायबरेली में मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्री राम नारे को दोहरा दिया। इसके बाद उनके खिलाफ रायबरेली में मुकदमा दर्ज हो गया है। हालांकि मुकदमा दर्ज होने के बाद स्वामी ने सफाई देते हुए कहा, मैं तो बस इतिहास में दिए गए नारों की याद दिला रहा था जो बहुजन समाज पार्टी की तरफ से दिए गए थे। आज प्रदेश और देश का दलित और पिछड़ा वर्ग भाजपा से पीड़ित है वह समाजवादी पार्टी की तरफ उम्मीदों की निगाहों से देख रहा है।
मुलायम सिंह यादव को मिलने वाले पद्म विभूषण पर उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के लोग दलितों और पिछड़ों का सही में सम्मान करना चाहते हैं तो नेताजी के साथ ही मान्यवर कांशीराम को भी भारत रत्न पुरस्कार मिलना चाहिए इतने से काम नहीं चलेगा।
भाजपा के स्थापना दिवस से शुरू हो रहे कार्यक्रमों पर कहा कि सबको हक है जो भी अपने कार्यक्रम करना चाहता है करे लेकिन अंबेडकर के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के लोग सिर्फ और सिर्फ छल करते हैं आज तक कभी किसी दलित पिछड़े को सम्मान क्यों नहीं दिया गया।.